खफा हो के हमसे दिखाओ तो जानें
कभी प्यार इतना जताओ तो जाने
यकीं कैसे कर लें के रूठे हुए हो
हमें देख कर मुस्कुराओ तो जाने
खुदा तुम को यूँ ही न कहते हैं जानां
सुनो कुछ कभी कुछ सुनाओ तो जानें
न आने के लाखों बहाने हैं तुम पे
जो ख्वाबों में भी तुम न आओ तो जानें
न जाने समन्दर हैं ये कितने गहरे
जरा हमसे नज़रें मिलाओ तो जानें
चिरागों से रौशन कहाँ होंगी रातें
हमारी तरह दिल जलाओ तो जानें
सवेरे सवेरे कहाँ गम है सूरज
जो चेहरे से जुल्फें हटाओ तो जानें
हैं मशहूर तेरी मुहब्बत के किस्से
हमें भी कभी आजमाओ तो जानें
सुना है कि पढ़ते हो तुम खूब मुझको
कभी जो मुझे गुनगुनाओ तो जानें
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